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ताजे लेखन आणि नवीन प्रतिसाद
प्रकाशन दिनांक | शीर्षक | लेखक | वाचने | प्रतिसाद |
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19-11-22 | प्रतिनिधी नोंदणी : ११ वे साहित्य संमेलन | शेतकरी साहित्य चळवळ | 6,286 | 3 |
21-12-23 | विम्यामुळे तोट्याच्या शेतीचा तोटा आणखी वाढतो | गंगाधर मुटे | 959 | 1 |
21-12-23 | Honey Trap : बघा पटेलांच्या पोरी कशा हनीट्रॅप मध्ये अडकवतात | गंगाधर मुटे | 485 | |
18-12-23 | शोषकांना पोषक : जातीयवादाचा भस्मासूर : प्रस्तावना | युगात्मा शरद जोशी | 483 | |
04-12-23 | अंगारमळा : अंक - १७ | गंगाधर मुटे | 2,135 | |
03-12-23 | अंगारमळा : अंक - १६ | गंगाधर मुटे | 503 | |
01-12-23 | कोणे एकेकाळी | V59Angaaitkar | 661 | |
01-12-23 | अन्नदात्या संस्कृतीचा महानायक : बळीराजा | Bharati Sawant | 562 | |
01-12-23 | विरोचनाचा पुत्र अन्नदाता | Ajit1980 | 511 | |
01-12-23 | कष्टकरी जनतेचा राजा बळीराजा | Krushna Ashok Jawle | 617 |
प्रकाशन दिनांक | लेखनविभाग | शीर्षक | लेखक |
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24/09/24 | छंदमुक्त कविता | खाल्ल्या अन्नाला जागा | राजेश हनुमंतराव... |
24/09/24 | कवितेचे रसग्रहण | कर्जबाजारी | Vaishnavi nirmal |
23/09/24 | सुखद अनुभव | पुढचं पाऊल | Vaishnavi nirmal |
23/09/24 | छंदमुक्त कविता | कर्जबाजारी | Vaishnavi nirmal |
23/09/24 | प्रेरक लेख | शेतमालाचा भाव- एक शोध निबंध | डॉ दिग्विजय जाधव |
23/09/24 | ललितलेख | कृषिप्रधान देशातील हतबल शेतकरी | Vaishnavi nirmal |
23/09/24 | ललितलेख | हारासी | NILESHDESHMUKH |
23/09/24 | छंदोबद्ध कविता | बळी-राजा | डॉ दिग्विजय जाधव |
23/09/24 | पद्यकविता | शेतमालाचे भाव एक स्वप्न ? | rajendraphand |
23/09/24 | कवितेचे रसग्रहण | शेतमालाचे भाव एक स्वप्न ? | rajendraphand |
शेतकरी गीत, काव्यगीत
प्रकाशन दिनांक | शिर्षक | वाचने |
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15-12-2013 | माझा बाप! | 3,253 |
28-05-2012 | शेतकऱ्याची व्यथा | 11,403 |
09-02-2012 | शीक बाबा शीक | 5,919 |
27-08-2011 | पलाट साडेबाराचा - आगरी गझल | 4,160 |
25-08-2011 | च्यायला बुडवा हा सहकार | 3,325 |
माझी मराठी गझल
प्रकाशन दिनांक | शिर्षक | वाचने |
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10-02-2017 | प्रकाशात शिरायासाठी | 2,293 |
10-02-2017 | सोज्वळ मदिरा | 1,733 |
13-10-2015 | कळली तर कळवा | 4,779 |
22-09-2015 | चुलीमध्ये घाल | 2,143 |
27-05-2015 | एक केवळ बाप तो | 1,864 |
प्रकाशन दिनांक | शिर्षक | वाचने |
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19-06-2011 | धकव रं श्यामराव | 2,291 |
18-06-2011 | आंब्याच्या झाडाले वांगे | 3,941 |
विश्वस्तरीय लेखनस्पर्धा : २०१४ ते २०२४
प्रकाशन दिनांक | शिर्षक | लेखक | वाचने |
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22-09-2024 | गुजरी | Liladhardawande786 | 648 |
18-09-2024 | नेता नव्हे, शेतकर्यांचा स्वातंत्र्यसूर्य | गंगाधर मुटे | 437 |
18-09-2024 | यंदा पेरू वावरात गांजा | गोपाल मापारी | 468 |
18-09-2024 | कृषिनिष्ठ, शेतीभूषण म्हणजे कुर्हाडीचे दांडे? | गंगाधर मुटे | 518 |
18-09-2024 | उत्पादन खर्च आणि कापसाचे भाव | गंगाधर मुटे | 517 |
शेतकरी साहित्य चळवळ-संमेलन
प्रकाशन दिनांक | शिर्षक | वाचने |
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16-08-2022 | अध्यक्षीय भाषण : ६ वे अ.भा.म.शे.सा.सं, अलिबाग | 1,353 |
16-08-2022 | अध्यक्षीय भाषण : ७ वे अ.भा.म.शे.सा.संमेलन | 905 |
16-08-2022 | अध्यक्षीय भाषण : ८ वे अ.भा.म.शे.सा.सं, रावेरी | 2,672 |
09-08-2022 | ९ वे Online साहित्य संमेलन : प्रतिनिधी नोंदणी | 1,052 |
30-07-2022 | पूर्वतयारी : ९ वे अभामशेसासं Online | 1,929 |
प्रकाशन दिनांक | शिर्षक | वाचने |
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23-06-2011 | भावात्म काव्यात्मकतेचा 'गोडवा’ | 2,549 |
23-06-2011 | 'सकाळ' 'सप्तरंग पुरवणीत' 'रानमेवा' ची दखल | 4,518 |
23-06-2011 | इतके उत्तम भाष्य फ़क्त श्रेष्ठ कवीच करू शकतो | 2,400 |
23-06-2011 | काळ्या मातीचा गंध शब्दाशब्दांतून जाणवतो. | 2,459 |
23-06-2011 | सर्वच कविता वाचनीय | 2,287 |
"रानमेवा" काव्यसंग्रह
प्रकाशन दिनांक | शिर्षक | वाचने |
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18-06-2011 | विदर्भाचा उन्हाळा | 3,621 |
22-06-2011 | माय मराठीचे श्लोक...!! | 4,361 |
18-06-2011 | चापलूस चमचा | 3,635 |
18-06-2011 | लकस-फ़कस | 3,426 |
18-06-2011 | झ्यामल-झ्यामल | 3,637 |