![]() ![]() बळीराजावर आपले स्वागत आहे. |
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
प्रकाशन दिनांक | लेखनविभाग | शीर्षक | लेखक | प्रतिसाद | वाचने | अंतिम अद्यतन |
---|---|---|---|---|---|---|
06/09/17 | पद्यकविता | मांडवदारातील बाबा | Kiran dongardive | 1 | 830 | 4 वर्षे 9 months |
06/09/17 | गझल | मातीच्या लेकराची लेक | Kiran dongardive | 1 | 734 | 4 वर्षे 9 months |
06/09/17 | गझल | पाऊसपाणी | Kiran dongardive | 1 | 1,029 | 4 वर्षे 9 months |
16/09/17 | गझल | राजसत्ता | Rajesh Jaunjal | 4 | 1,470 | 4 वर्षे 9 months |
17/09/17 | पद्यकविता | पक्षी उडाले जलाशलातून | Rajesh Jaunjal | 2 | 913 | 4 वर्षे 9 months |
14/09/17 | पद्यकविता | दूर पळा रे! | Rajesh Jaunjal | 6 | 2,299 | 4 वर्षे 9 months |
18/09/17 | छंदमुक्त कविता | मातीतल्या बियाला | ravindradalvi | 8 | 4,019 | 4 वर्षे 9 months |
19/09/17 | कथा | मंडूळ्या | ARCHANA | 5 | 2,136 | 4 वर्षे 9 months |
21/09/17 | गीतरचना | धंदा | महेश | 2 | 1,257 | 4 वर्षे 9 months |
06/09/17 | छंदमुक्त कविता | दमानं घ्या; आत्महत्या करू नका ! | Dr. Ravipal Bha... | 7 | 2,873 | 4 वर्षे 9 months |
22/09/17 | गीतरचना | कोण तुम्ही व्हा रं ? | Dr. Ravipal Bha... | 9 | 2,466 | 4 वर्षे 9 months |
24/09/17 | छंदमुक्त कविता | धावपट्टी | Rajesh Jaunjal | 2 | 1,074 | 4 वर्षे 9 months |
15/09/17 | छंदमुक्त कविता | भारत कशाला म्हणतात! | Dr. Ravipal Bha... | 9 | 2,526 | 4 वर्षे 9 months |
20/09/17 | गझल | दूर दूर जावे | Rajesh Jaunjal | 4 | 1,460 | 4 वर्षे 9 months |
16/09/17 | गझल | बंद रस्ते | Rajesh Jaunjal | 4 | 1,690 | 4 वर्षे 9 months |
16/09/17 | छंदमुक्त कविता | kawita | Rajesh Jaunjal | 4 | 1,510 | 4 वर्षे 9 months |
15/09/17 | पद्यकविता | जगावं की मरावं | मुक्तविहारी | 3 | 1,968 | 4 वर्षे 9 months |
11/09/17 | छंदमुक्त कविता | थांबा! | Raosaheb Jadhav | 4 | 1,544 | 4 वर्षे 9 months |
24/09/17 | गीतरचना | तुझ्यापायीच झाली ही दैना | Dhirajkumar Taksande | 2 | 1,651 | 4 वर्षे 9 months |
11/09/17 | गझल | कर्जमृत्यु | Dhirajkumar Taksande | 3 | 1,383 | 4 वर्षे 9 months |
12/09/17 | गझल | घाल घाव! | Dhirajkumar Taksande | 2 | 1,172 | 4 वर्षे 9 months |
12/09/17 | गझल | वारसा | Dhirajkumar Taksande | 2 | 937 | 4 वर्षे 9 months |
11/09/17 | गझल | जगवा किसान आता | Dhirajkumar Taksande | 3 | 1,227 | 4 वर्षे 9 months |
11/09/17 | गझल | नांगरणी | Dhirajkumar Taksande | 3 | 1,758 | 4 वर्षे 9 months |
18/09/17 | छंदमुक्त कविता | जीवनोत्सव! | Dr. Ravipal Bha... | 12 | 3,417 | 4 वर्षे 9 months |