![]() ![]() बळीराजावर आपले स्वागत आहे. |
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प्रकाशन दिनांक | लेखनविभाग | शीर्षक |
लेखक![]() |
प्रतिसाद | वाचने |
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31/12/22 | पद्यकविता | बळीराजा | Ajit1980 | 133 | |
31/12/22 | वैचारिक लेख | कृषीप्रधान देशातील शोकांतिका | Ajit1980 | 193 | |
17/12/22 | गेय रचना/गीत/पोवाडा इत्यादी | गीत रचना घाबरायचं नाय... | Anu25488 | 198 | |
18/12/22 | पद्यकविता | कविता ओल | Anu25488 | 155 | |
30/12/22 | वैचारिक लेख | शेतकरी सुखी तर जग सुखी | Bharati Sawant | 1,161 | |
30/12/22 | पद्यकविता | साज सृष्टीचा | Bharati Sawant | 164 | |
31/12/22 | गझल | शिकार... (गझल) | cdkadam | 214 | |
30/12/22 | छंदोबद्ध कविता | कर्जमाफी | Dr. Rajendra Gawali | 144 | |
30/12/22 | गेय रचना/गीत/पोवाडा इत्यादी | काळ्या आईचे वारकरी | Dr. Rajendra Gawali | 147 | |
27/12/22 | पद्यकविता | संकेत | Madhavkhalanekar | 227 | |
27/12/22 | वैचारिक लेख | शेती विषयक राजकीय धोरण | Madhavkhalanekar | 136 | |
31/12/22 | पुस्तक समीक्षण | आदर्श गाव संकल्प आणि प्रकल्प | Madhuri Pramod ... | 261 | |
31/12/22 | गझल | गझल-बळीराजा | Madhuri Pramod ... | 150 | |
29/12/22 | गेय रचना/गीत/पोवाडा इत्यादी | वामना | Narendra Gandhare | 170 | |
05/01/23 | मागोवा | सृतिगंध... एक मागोवा | nilkavi74 | 261 | |
01/01/23 | पद्यकविता | अन् का रे.. देवा | nilkavi74 | 214 | |
30/12/22 | गझल | शेतातले गाऱ्हाणे | nilkavi74 | 318 | |
05/01/23 | कवितेचे रसग्रहण | कवितेचे रसग्रहण | rajendraphand | 1 | 498 |
05/01/23 | पद्यकविता | शेती म्हणजे | rajendraphand | 296 | |
31/12/22 | पद्यकविता | शेतकरी | rajendraudare | 200 | |
31/12/22 | पद्यकविता | पद्द कविता | rajendraudare | 167 | |
31/12/22 | गझल | गझल: राफेल | Rajesh Jaunjal | 1 | 372 |
02/01/23 | पद्यकविता | शेती आमच्या हक्काची | Rajiya Ismail J... | 145 | |
31/12/22 | गेय रचना/गीत/पोवाडा इत्यादी | स्वतंत्र कर तू बापा | RANGNATH TALWATKAR | 178 | |
30/12/22 | छंदमुक्त कविता | माणसासाठी कणसात दाणा | Raosaheb Jadhav | 157 |