नमस्कार !
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प्रकाशन दिनांक | प्रकार | शिर्षक | लेखक | वाचने | प्रतिसाद | अंतिम अद्यतन |
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19/09/2016 | लेखनस्पर्धा-२०१६ | नीसर्गाची थट्टा | Pradnya | 1,377 | 1 | 20/09/16 |
19/09/2016 | लेखनस्पर्धा-२०१६ | || लयच झालं आता || | ravindradalvi | 1,347 | 1 | 20/09/16 |
19/09/2016 | लेखनस्पर्धा-२०१६ | बाप माझा | Pradnya | 1,482 | 1 | 20/09/16 |
18/09/2016 | लेखनस्पर्धा-२०१६ | नकोश्या गोष्टी | प्रा.प्रतिभा सराफ | 1,204 | 1 | 20/09/16 |
17/09/2016 | लेखनस्पर्धा-२०१६ | ऋणानुबंध | मनीष गोडे | 1,494 | 1 | 20/09/16 |
15/09/2016 | लेखनस्पर्धा-२०१६ | माझ्या शेतकरी भावांनो आणि मायबहिणींनो | Satish Deshmukh | 1,858 | 1 | 20/09/16 |
15/09/2016 | लेखनस्पर्धा-२०१६ | शेतकरी आत्महत्या आणि वास्तव | ravindradalvi | 1,686 | 1 | 20/09/16 |
13/09/2016 | लेखनस्पर्धा-२०१६ | शेतकरी चळवळीच बीजं | Ravindra Kamthe | 1,311 | 1 | 20/09/16 |
13/09/2016 | लेखनस्पर्धा-२०१६ | शेतकऱ्यांच्या काळीज व्यथा : अवकाळी विळखा | महादेव बाबासो बुरुटे | 1,623 | 1 | 20/09/16 |
08/09/2016 | लेखनस्पर्धा-२०१६ | अवकाळी विळखा एक आश्वासक कथासंग्रंह | संदीप हरी नाझरे | 3,171 | 1 | 08/09/16 |
विश्वस्तरीय लेखनस्पर्धा : २०१४ ते २०२२
प्रकाशन दिनांक | शिर्षक | लेखक | वाचने |
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20-09-2016 | भवितव्य फळे-भाजीपाला नियमनमुक्तीचे… | आदिनाथ ताकटे | 1,710 |
20-09-2016 | कांद्याला एक रुपया अनुदानाच गाजर !: हि तर शेतकऱ्यांची क्रूर चेष्टा! | आदिनाथ ताकटे | 1,570 |
20-09-2016 | सर्वसामान्यांची डाळ शिजेल हो ! शेतकऱ्याचे काय? | आदिनाथ ताकटे | 1,578 |
20-09-2016 | शहाणपण देगा देवा ! | आदिनाथ ताकटे | 1,973 |
20-09-2016 | रोपटे | मुक्तविहारी | 1,517 |
नवीन प्रतिसाद