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प्रकाशन दिनांक | प्रकार | शिर्षक | लेखक | वाचने | प्रतिसाद |
अंतिम अद्यतन![]() |
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18/09/2016 | लेखनस्पर्धा-२०१६ | नकोश्या गोष्टी | प्रा.प्रतिभा सराफ | 1,082 | 1 | 20/09/16 |
17/09/2016 | लेखनस्पर्धा-२०१६ | ऋणानुबंध | मनीष गोडे | 1,367 | 1 | 20/09/16 |
15/09/2016 | लेखनस्पर्धा-२०१६ | माझ्या शेतकरी भावांनो आणि मायबहिणींनो | Satish Deshmukh | 1,722 | 1 | 20/09/16 |
15/09/2016 | लेखनस्पर्धा-२०१६ | शेतकरी आत्महत्या आणि वास्तव | ravindradalvi | 1,529 | 1 | 20/09/16 |
13/09/2016 | लेखनस्पर्धा-२०१६ | शेतकरी चळवळीच बीजं | Ravindra Kamthe | 1,193 | 1 | 20/09/16 |
13/09/2016 | लेखनस्पर्धा-२०१६ | शेतकऱ्यांच्या काळीज व्यथा : अवकाळी विळखा | महादेव बाबासो बुरुटे | 1,460 | 1 | 20/09/16 |
08/09/2016 | लेखनस्पर्धा-२०१६ | अवकाळी विळखा एक आश्वासक कथासंग्रंह | संदीप हरी नाझरे | 2,947 | 1 | 08/09/16 |
08/09/2016 | लेखनस्पर्धा-२०१६ | गुना | संदीप हरी नाझरे | 1,344 | 1 | 08/09/16 |
08/09/2016 | लेखनस्पर्धा-२०१६ | जीवाभावाचा पाखर्या | संदीप हरी नाझरे | 1,596 | 1 | 08/09/16 |
07/09/2016 | लेखनस्पर्धा-२०१६ | ऋतू रुसला | ऋषभ कुलकर्णी | 1,163 | 1 | 07/09/16 |
विश्वस्तरीय लेखनस्पर्धा : २०१४ ते २०२२
प्रकाशन दिनांक | शिर्षक | लेखक | वाचने |
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12-09-2017 | घाल घाव! | Dhirajkumar Taksande | 1,603 |
11-09-2017 | कर्जमृत्यु | Dhirajkumar Taksande | 1,853 |
24-09-2017 | तुझ्यापायीच झाली ही दैना | Dhirajkumar Taksande | 2,043 |
11-09-2017 | थांबा! | Raosaheb Jadhav | 2,310 |
15-09-2017 | जगावं की मरावं | मुक्तविहारी | 2,538 |
नवीन प्रतिसाद