नमस्कार !
बळीराजावर आपले स्वागत आहे. |
आजचे बाजारभाव पाहण्यासाठी https://www.baliraja.com/node/3024 या लिंकवर क्लिक करा.
प्रकाशन दिनांक | प्रकार | शिर्षक | लेखक | वाचने | प्रतिसाद | अंतिम अद्यतन |
---|---|---|---|---|---|---|
31/12/2022 | लेखनस्पर्धा-२०२२ | व्यवस्थेचा बळी | लक्ष्मण लाड | 465 | 31/12/22 | |
30/09/2019 | लेखनस्पर्धा-२०१९ | कास्तकारीचा राजीनामा | लक्ष्मण लाड | 1,347 | 2 | 03/01/20 |
31/12/2022 | लेखनस्पर्धा-२०२२ | राजकारणाचा बळी शेतकरी | लक्ष्मण लाड | 305 | 31/12/22 | |
31/12/2022 | लेखनस्पर्धा-२०२२ | व्यवस्थेचा बळी | लक्ष्मण लाड | 339 | 31/12/22 | |
14/11/2023 | लेखनस्पर्धा-२०२३ | रास | वर्षा मनोज भांदर्गे | 293 | 2 | 20/11/23 |
23/06/2011 | रानमेवा | इतके उत्तम भाष्य फ़क्त श्रेष्ठ कवीच करू शकतो | वामन देशपांडे | 2,256 | 23/06/11 | |
14/11/2014 | लेखनस्पर्धा-२०१४ | टाहो | विजय शेंडगे | 2,551 | 2 | 19/11/14 |
26/12/2014 | कृषीजगत | काळ्या आईचीच पोरं | विजय शेंडगे | 1,486 | 26/12/14 | |
14/11/2014 | लेखनस्पर्धा-२०१४ | इटाळ | विजय शेंडगे | 1,869 | 1 | 15/11/14 |
14/11/2014 | लेखनस्पर्धा-२०१४ | होई आता थेंब | विजय शेंडगे | 1,698 | 1 | 15/11/14 |
विश्वस्तरीय लेखनस्पर्धा : २०१४ ते २०२४
प्रकाशन दिनांक | शिर्षक | लेखक | वाचने |
---|---|---|---|
20-09-2016 | दारिद्रय | मुक्तविहारी | 1,279 |
13-09-2019 | मातीत हरवल्या कविता : ग्रामीण कवितेचा समृद्ध हुंकार | मुक्तविहारी | 5,035 |
20-09-2016 | रोपटे | मुक्तविहारी | 1,580 |
26-09-2017 | कशी म्हणावीत गाणी | मुक्तविहारी | 3,049 |
21-09-2018 | कवडीमोल दाम | मुक्तविहारी | 4,492 |
नवीन प्रतिसाद