नमस्कार !
बळीराजावर आपले स्वागत आहे. |
प्रकाशन दिनांक | प्रकार | शिर्षक | लेखक | वाचने | प्रतिसाद | अंतिम अद्यतन |
---|---|---|---|---|---|---|
21/09/2018 | लेखनस्पर्धा-२०१८ | माझा राजा बळी | मुक्तविहारी | 3,037 | 4 | 24/12/18 |
28/09/2018 | लेखनस्पर्धा-२०१८ | उभं पीक पाण्यासाठी.. | Chitra Kahate | 2,251 | 4 | 17/10/19 |
03/10/2018 | लेखनस्पर्धा-२०१८ | गझल | Dr. Ravipal Bha... | 4,108 | 4 | 06/10/18 |
08/10/2018 | लेखनस्पर्धा-२०१८ | रोज नवेच मरण | Sidheshwar Ingole | 3,659 | 4 | 25/12/18 |
13/09/2019 | लेखनस्पर्धा-२०१९ | लोओकुन सारखा बाप हवा, शेतकऱ्यांना! | Dhirajkumar Taksande | 1,778 | 4 | 03/01/20 |
26/09/2019 | लेखनस्पर्धा-२०१९ | आभाळाचे गूढ बोलले | Shridhar | 1,664 | 4 | 03/01/20 |
30/09/2019 | लेखनस्पर्धा-२०१९ | शेतक-याची परिस्थिती | Giridhar kachole | 1,944 | 4 | 03/01/20 |
30/09/2019 | लेखनस्पर्धा-२०१९ | माझ्या गावाकडे चल माझ्या दोस्ता:कवी इंद्रजित भालेराव | Khillare bramhadev | 8,490 | 4 | 07/09/22 |
02/10/2019 | लेखनस्पर्धा-२०१९ | बळीच्या सरणावरती | RANGNATH TALWATKAR | 1,850 | 4 | 03/01/20 |
10/10/2019 | लेखनस्पर्धा-२०१९ | शेतीतील परावलंबीत्व कमी होणे ..काळाची गरज | ravindradalvi | 1,722 | 4 | 03/01/20 |
नवीन प्रतिसाद