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प्रकाशन दिनांक | प्रकार | शिर्षक |
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वाचने | प्रतिसाद | अंतिम अद्यतन |
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07/04/2021 | साहित्य चळवळ | शेतकरी- महीला गझल मुशायरा वृत्तांत | Dr. Ravipal Bha... | 944 | 07/04/21 | |
03/10/2017 | शेतकरी विचारमंथन | विश्वस्तरीय लेखनस्पर्धा २०१७ | Dr. Ravipal Bha... | 4,095 | 4 | 05/10/17 |
24/03/2018 | काव्यधारा | गजल: धर्माच्या भिंती | Dr. Ravipal Bha... | 1,412 | 24/03/18 | |
27/03/2018 | शेतकरी गझल | गझल: देहदान करूनही | Dr. Ravipal Bha... | 1,338 | 27/03/18 | |
30/03/2018 | शेतकरी गझल | गझल: व्यवस्थेचा केंद्रबिंदू | Dr. Ravipal Bha... | 2,565 | 1 | 20/04/18 |
04/01/2017 | काव्यधारा | जीवन एक शेती | Dr. Ravipal Bha... | 4,332 | 4 | 23/02/18 |
26/02/2018 | शेतकरी गझल | गझल: शेत्करी उप-भोगणारा ! | Dr. Ravipal Bha... | 2,821 | 2 | 07/03/18 |
24/04/2017 | काव्यधारा | गज़ल: खेळ खेळता आभाळाचा..! | Dr. Ravipal Bha... | 1,535 | 24/04/17 | |
14/03/2018 | शेतकरी गझल | गझल: तीलाही पिल्ले झाले | Dr. Ravipal Bha... | 1,306 | 14/03/18 | |
21/03/2018 | शेतकरी गझल | गझल: या भुकेला आज खाऊ | Dr. Ravipal Bha... | 1,120 | 21/03/18 |
माझी मराठी गझल
प्रकाशन दिनांक | शिर्षक | वाचने |
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09-03-2014 | मनाला थेट भिडणारी गझल - तुषार देसले | 2,017 |
10-03-2014 | परिघाबाहेरची गझल - श्री किमंतु ओंबळे | 2,288 |
09-03-2014 | परीक्षकांचीच परीक्षा घेणारा गझलसंग्रह - श्री. श्याम पवार | 2,232 |
विश्वस्तरीय लेखनस्पर्धा : २०१४ ते २०२४
प्रकाशन दिनांक | शिर्षक |
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वाचने |
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24-09-2018 | हालहाल पोचलेत कुंचल्यातही तुझे | Dhirajkumar Taksande | 5,063 |
12-09-2017 | घाल घाव! | Dhirajkumar Taksande | 2,948 |
20-09-2021 | कर तृप्त पावसाने | Dhirajkumar Taksande | 6,411 |
16-09-2018 | ते प्रेत बोलताहे | Dhirajkumar Taksande | 2,952 |
18-09-2018 | प्राण वेचताना | Dhirajkumar Taksande | 7,410 |
शेतकरी साहित्य चळवळ-संमेलन
प्रकाशन दिनांक | शिर्षक | वाचने |
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10-03-2017 | ३ रे अ.भा.म.शे.सा.सं : छायाचित्र वृत्तांत : गिरमी | 4,286 |
03-09-2021 | विश्वस्तरीय लेखनस्पर्धा-२०२१ : वर्ष ८ वे | 2,150 |
22-03-2023 | वांझ साहित्य निर्माण होण्याऐवजी निर्माणच न होणे काय वाईट? | 5,518 |
05-03-2015 | शेतकरी साहित्य संमेलन : सिंहावलोकन व पुढील नियोजन | 24,999 |
18-03-2015 | पहिले शेतकरी साहित्य संमेलन : प्रास्ताविक भाषण | 2,989 |
"रानमेवा" काव्यसंग्रह
प्रकाशन दिनांक | शिर्षक | वाचने |
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23-06-2011 | लिखाण अतिशय प्रामाणिक | 2,587 |
23-06-2011 | सडेतोड लेखणीतून वास्तवचित्र | 2,370 |
23-06-2011 | काळ्या मातीचा गंध शब्दाशब्दांतून जाणवतो. | 2,536 |
23-06-2011 | एक “अनुभवसिद्ध रानमेवा" | 2,237 |
23-06-2011 | भावात्म काव्यात्मकतेचा 'गोडवा’ | 2,797 |
नवीन प्रतिसाद