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प्रकाशन दिनांक | प्रकार | शिर्षक |
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वाचने | प्रतिसाद | अंतिम अद्यतन |
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06/02/2018 | शेतकरी गझल | व्यर्थच ठरली आहे | Dhirajkumar Taksande | 1,701 | 2 | 06/02/18 |
09/01/2017 | काव्यधारा | मुक्त आता | Dhirajkumar Taksande | 5 | 09/01/17 | |
08/01/2017 | काव्यधारा | अन उन्हाळे नेत | Dhirajkumar Taksande | 8 | 08/01/17 | |
11/01/2017 | काव्यधारा | हक्क कुणाच्या बापाचे | Dhirajkumar Taksande | 2 | 11/01/17 | |
09/01/2017 | काव्यधारा | रीकामा झोरा केला | Dhirajkumar Taksande | 3 | 09/01/17 | |
12/01/2017 | काव्यधारा | न्याय कुठला आहे? | Dhirajkumar Taksande | 3 | 12/01/17 | |
14/11/2023 | लेखनस्पर्धा-२०२३ | बळी बळीराजाचा | Dilipbhoyar | 147 | 2 | 20/11/23 |
11/04/2014 | शेतकरी विचारमंथन | कविता खूप आवडली | Dnyaneshwar linge | 2,618 | 11/04/14 | |
08/11/2016 | काव्यधारा | माळरान | Dnyaneshwar Musale | 1,063 | 08/11/16 | |
10/11/2016 | काव्यधारा | शेतकऱ्याचं पोरं. | Dnyaneshwar Musale | 4,111 | 5 | 13/11/16 |
शेतकरी साहित्य चळवळ-संमेलन
प्रकाशन दिनांक | शिर्षक | वाचने |
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28-08-2015 | विश्वस्तरीय लेखनस्पर्धा-२०१५ : नियम, अटी व तपशिल | 7,746 |
16-02-2020 | ६ वे अ.भा.म.शे.सा. संमेलन : वृत्तपत्र वृत्तांत | 2,333 |
29-11-2017 | कवी संमेलन/गझल मुशायरा, मुंबई : २०१८ : नोंदणी | 3,955 |
03-02-2022 | ८ वे अ.भा.म.शे.सा.संमेलन : कार्यक्रमपत्रिका | 1,627 |
16-08-2022 | अध्यक्षीय भाषण : ८ वे अ.भा.म.शे.सा.सं, रावेरी | 2,249 |
विश्वस्तरीय लेखनस्पर्धा : २०१४ ते २०२२
प्रकाशन दिनांक | शिर्षक |
लेखक![]() |
वाचने |
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14-10-2018 | गझल | Dr. Ravipal Bha... | 2,209 |
28-09-2018 | गझल | Dr. Ravipal Bha... | 1,389 |
27-09-2017 | क्रांतकळी | Dr. Ravipal Bha... | 3,455 |
15-09-2017 | भारत कशाला म्हणतात! | Dr. Ravipal Bha... | 3,947 |
02-10-2018 | गझल | Dr. Ravipal Bha... | 1,832 |
माझी मराठी गझल
प्रकाशन दिनांक | शिर्षक | वाचने |
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16-04-2014 | शेतकर्याला अभय देणारी निराळी गझल - विजय चव्हाण | 2,494 |
09-03-2014 | ’माझी गझल निराळी’ - अभिप्राय : डॉ.विकास आमटे | 1,461 |
09-03-2014 | मनाला थेट भिडणारी गझल - तुषार देसले | 1,559 |
10-03-2014 | परिघाबाहेरची गझल - श्री किमंतु ओंबळे | 1,905 |
09-03-2014 | परीक्षकांचीच परीक्षा घेणारा गझलसंग्रह - श्री. श्याम पवार | 1,836 |
"रानमेवा" काव्यसंग्रह
प्रकाशन दिनांक | शिर्षक | वाचने |
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17-06-2011 | सत्ते तुझ्या चवीने | 2,201 |
07-07-2010 | नाचू द्या गं मला : लावणी ॥२६॥ | 4,445 |
20-06-2011 | पंढरीचा राया : अभंग ।।६।। | 2,809 |
23-06-2011 | चाकोरीबाहेरचं लिहायचा प्रयास | 1,933 |
23-06-2011 | विचार- सरणीचं अचूक दर्शन | 1,787 |
नवीन प्रतिसाद