नमस्कार !
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प्रकाशन दिनांक | प्रकार | शिर्षक | लेखक | वाचने | प्रतिसाद | अंतिम अद्यतन |
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02/10/2017 | लेखनस्पर्धा-२०१७ | आत्महत्या नव्हे, शेतकर्यांचा शासकीय खून! | गंगाधर मुटे | 1,040 | 1 | 03/10/17 |
02/10/2017 | लेखनस्पर्धा-२०१७ | शेतकरी आत्महत्त्या : कारणे आणि उपाय | K Ramesh | 944 | 02/10/17 | |
06/09/2017 | लेखनस्पर्धा-२०१७ | अरे, फुलवा अंगारमळा! | Dr. Ravipal Bha... | 5,608 | 14 | 02/10/17 |
02/09/2017 | साहित्य चळवळ | विश्वस्तरीय लेखनस्पर्धा-२०१७ : नियम आणि अटी | गंगाधर मुटे | 5,521 | 8 | 01/10/17 |
26/09/2017 | लेखनस्पर्धा-२०१७ | कशी म्हणावीत गाणी | मुक्तविहारी | 2,709 | 5 | 30/09/17 |
12/09/2017 | लेखनस्पर्धा-२०१७ | इंसाफ करूयात ! | Dr. Ravipal Bha... | 3,376 | 8 | 30/09/17 |
15/09/2017 | लेखनस्पर्धा-२०१७ | नाही! मी नाही आत्महत्या करणार!! | Dr. Ravipal Bha... | 2,295 | 5 | 30/09/17 |
27/09/2017 | लेखनस्पर्धा-२०१७ | शेतकऱ्यांच्या आत्महत्या ह्या समस्येवर कर्जमाफीचे कोंदण | Ravindra Kamthe | 1,724 | 2 | 30/09/17 |
27/09/2017 | लेखनस्पर्धा-२०१७ | शेतकरी आत्महत्या | rameshwar | 2,001 | 1 | 28/09/17 |
27/09/2017 | लेखनस्पर्धा-२०१७ | हिरवंं सपान | Chitra Kahate | 1,389 | 1 | 28/09/17 |
विश्वस्तरीय लेखनस्पर्धा : २०१४ ते २०२२
प्रकाशन दिनांक | शिर्षक | लेखक | वाचने |
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11-09-2017 | नांगरणी | Dhirajkumar Taksande | 2,434 |
11-09-2017 | जगवा किसान आता | Dhirajkumar Taksande | 1,929 |
12-09-2017 | वारसा | Dhirajkumar Taksande | 1,453 |
12-09-2017 | घाल घाव! | Dhirajkumar Taksande | 1,709 |
11-09-2017 | कर्जमृत्यु | Dhirajkumar Taksande | 1,984 |
नवीन प्रतिसाद